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छात्र जीवन में अनुशासन का महत्व

(अनु अग्रवाल)

 

अनुशासन राष्ट्र हित में जरुरी है |

न सोचो कि यह कोई मजबूरी है|

कर्तव्यों का पालन हमारी जिम्मेदारी है|

अनुशासित रहना ही हमारी समझदारी है|

कोई भी राष्ट्र अपने नागरिकों के कारण ही उन्नति के शिखर पर चढ़ता है और पतन के गर्त में गिरता है इसलिए किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए उसके नागरिको का अनुशासन में रहना अनिवार्य है| अनुशासन चाहे किसी में क्षेत्र का हो इसका महत्व अपार है| अनुशासन जीवन का वरदान है| युवावस्था का श्रृंगार है तथा काया का प्राण है | यह मानवीय चरित्र में मील का पत्थर साबित होता है|  स्वयं प्रकृति भी अनुशासन का पालन करने का उपदेश देती है | विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन की आवश्यकता सबसे अधिक होती है क्योंकि यह वह समय होता है जब विद्यार्थी के व्यक्तित्व का निर्माण प्रारम्भ होता है |कोई भी विद्यार्थी अनुशासन के महत्व को समझे बिना सफलता प्राप्त नही कर सकता है | अनुशासन का पालन करने वाले छात्र जिस काम को शुरू करते हैं उसे पूरा करने का हर संभव प्रयास करते हैं | विद्यार्थी को बचपन से ही अनुशासन में रहना चाहिए| छात्र जीवन में अनुशासन एक सेतु की तरह कार्य करता है| अनुशासन से छात्रों में धैर्य और समझदारी का विकास होता है| समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है|उनकी कार्य क्षमता का विकास होता है| छात्रों में नेतृत्व की शक्ति जागृत होती है | इसलिए विद्यार्थी को चाहिए कि विद्यालय में रहकर विद्यालय के बनाये सभी नियमों का पालन करे| अध्यापकों के निर्देशों का नियमत: पालन करे| पढाए गए सभी पाठों का अध्ययन मन से करे | गृहकार्य समय पर पूरा करे| छात्र जीवन में अनुशासन से ही आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और  जिम रौन ने भी कहा है “अनुशासन, लक्ष्यों और उपलब्धियों के बीच का सेतु है | शिक्षा का उद्देश्य भी यही है छात्रों के जीवन को अनुशासित बनाना| एक आदर्श अनुशासित समाज ही देश का विकास करने में सक्षम है| हमारे ऋषि –मुनियों ने प्रारम्भ से हमें अनुशासन का पाठ पढ़ाया जिसके कारण यह देश सोने की चिड़िया कहलाया| यदि हम चाहते हैं कि यह एक बार फिर से सोने की सोने की चिड़िया कहलाये तो सबसे पहले हमें अनुशासन को अपनाना होगा तभी राष्ट्र उन्नति और विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ेगा|

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