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पढ़ाई और खेलों में समन्वय कैसे स्थापित करें

(ANU AGARWAL)

शिक्षा मनुष्य का सर्वांगीण विकास करती है और उस विकास का पहला सोपान है- शारीरिक विकास| हमारे देश के अधिकांश अभिभावकों की मानसिकता यही है कि “खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब पड़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब| अभिभावकों को अपने बच्चों का खेलकूद में भाग लेना समय बर्बाद करने जैसा लगता है| परन्तु केवल मानसिक विकास करना शिक्षा का उदेश्य नहीं है शिक्षा में खेलकूद को अनिवार्य बनाये बिना शिक्षा आगे बढ़ने का कार्य संभव नहीं है| शिक्षाविदों ने खेलकूद के महत्व को समझा और इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया| सुभाष चन्द्र बोस जी ने भी कहा था “अपने विगत जीवन पर दृष्टि डालते हुए मुझे सोचना पड़ता है कि खेलकूद के प्रति मुझे लापरवाही नहीं दिखानी चाहिए थी ऐसा करके मैंने शायद असमय प्रोढता की भावना विकसित कर ली| शिक्षा में खेलों का महत्वपूर्ण स्थान है पर इसका अर्थ यह नही है कि खेलकूद के समक्ष शिक्षा के अन्य अंगों की उपेक्षा कर दी जाए | आवश्यकता है कि शिक्षा और खेलों में समन्वय स्थापित किया जाए | सबसे पहले तो अभिभावकों को विश्वास दिलाना जरूरी है कि आप खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी करिश्मा कर सकते हैं इसके लिए बच्चों को कई नियम कायदे अपनाने होंगे ताकि अभिभावकों को अपने बच्चों के
खेल-कूद पर कोई आपति न हो |बच्चे अपनी पढ़ाई और खेलने का टाइम टेबल बनाकर उसका सख्ती से पालन करें| परीक्षा के दिनों में पढ़ाई पर अधिक ध्यान दें ताकि अच्छे अंकों से पास हो सके|अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें| खेल भावना का सम्मान करें|बच्चे अपने अध्यापकों के सम्पर्क में रहें और अनुपस्थिति के दौरान का कार्य समय पर पूरा करें ताकि अध्यापकों को निराशा न हो| अपने समय का उचित प्रबंधन करे|जितना भी समय मिले उसे शिक्षा पर व्यय करें| अपने मित्रों की मदद लें उनसे नोट्स लेकर समय पर पूरा करें| अपने आपको तनाव से मुक्त रखें ऐसी योजना बनाएँ कि आपको मनोरंजन का भी अवसर मिले | खेलों से शक्ति,स्फूर्ति और ताजगी ग्रहण करें और इसका सदुपयोग शिक्षा प्राप्त करने में करें| जीवन में प्रसन्नता प्राप्त करने का यही एकमात्र तरीका है कि पढ़ाई के समय खेलों से दूर रहो और खेल के समय पर खेलो |आज के बच्चे देश का भविष्य हैं| वे शिक्षा के द्वारा सफलता प्राप्त करके उच्च पदों पर आसीन हो सकते हैं तो खेलों के द्वारा लाभान्वित होकर अधिक अनुशासित, स्वस्थ, कर्तव्यनिष्ठ, समय के पाबंद और किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं|